देश 23 को सेवा क्षेत्रों सभी विभाजित किया जोड़ा गया है जिसमें सेल्युलर करें मोबाइल टेलीफोन सेवा (सीएसटीएस) प्रदान करने 19 हेतु जानकारी दूरसंचार सकिर्ल सेवा 4 और क्षेत्र मैट्रो सेवा क्षेत्र शामिल है|
राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) -1994 के अनुसार, करें करें मोबाइल टेलीफोन सेवा सभी उदारीकरण के पहले चरण का आरंभ नवंबर, 1994 में दिल्ली, मुंबई, कलकत्ता और चेन्नई 4 के मैट्रो शहरों 8 सभी निजी कंपनियों को सीएमटीएस 8 के लाइसेंस जारी करने के साथ हुआ. तदनन्तर, 1998 1995 से 14 के दौरान निजी कंपनियों को18 भी क्षेत्रीय दूरसंचार सकिर्लाें 34 के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे. इस अवधि के दौरान, प्रत्येक सेवा सभी सीएमटीएस क्षेत्र के लिए अधिकतम दो लाइसेंस प्रदान किए गए और इन लाइसेंसों को पहला और दूसरा सेल्युलर लाइसेंस कहा जाता था. इन लाइसेंसधारकों को वार्षिक रूप से लाइसेंस शुल्क की निर्धारित राशि का भुगतान करना होता था जो कि बोली प्रक्रिया के दौरान स्वीकृत राशि के आधार पर निर्धारित किया गया था. तदनन्तर, उन्हें नई दूरसंचार नीति1999 एनटीपी व्यवस्था सभी माइग्रेट करने की अनुमति थी, जहां उन्हें राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना अपेक्षित होता है जो कि 1अगस्त,1999 से प्रभावी है|
राज्य के स्वामित्व वाले सार्वजनिक के उपक्रम क्षेत्र (पीएसयू) महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) और भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को देश के विभिन्न भागों सभी तीसरे प्रचालक के रूप सभी सीएमटीएस प्रदान करने के लिए लाइसेंस जारी किए गए थे. इसके अलावा 2001 सितंबर अक्तूबर 2001, में, 4 मैट्रो शहरों तथा 13 दूरसंचार सकिर्लाें सभी प्रत्येक सभी चौथे सेल्युलर प्रचालक के रूप में 17 और नए लाइसेंस जारी किए गए हैं|
लाइसेंस करार की शर्तों के अनुसार, सेल्युलर प्रचालक अपने प्रचालन के भीतर क्षेत्र वॉयस और नॉन वायस संदेशों, डाटा सेवाओं तथा सार्वजनिक कॉल केंद्रों सहित सभी प्रकार की करें करें मोबाइल सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसके लिए वे किसी भी प्रकार के नेटवर्क उपस्कर का प्रयोग कर सकते हैं जिसमें सकिर्ट तथाअथवा पैकेट स्विच शामिल हैं, जो सुसंगत अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयूदूरसंचार इंजीनियरी (टीईसी केंद्र) मानक पूरे करते हों|
1 अप्रैल 2004 से सेल्युलर करें मोबाइल टेलीफोन सेवाओं के लिए स्पैक्ट्रम प्रभारों को छोड़कर लाइसेंस शुल्क मैट्रो सेवा क्षेत्रों तथा श्रेणी न्नक न्न सकिर्लाें के लिए समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का 10% है, श्रेणी न्नख न्न सकिर्लाें के लिए 8% तथा श्रेणी न्नग न्न सकिर्लाें के लिए एजीआर का 6% है|
दूरसंचार सकिर्लाें मे पुराने सेल्युलर लाइसेंसधारकों (पहले तथा दूसरे सीएमटीएस लाइसेंसधारक) को 1 अप्रैल, 2004 4 से वर्ष की अवधि के लिए अतिरिक्त रियायत की गई है. 1अप्रैल, 2004 से4 वर्ष की अवधि के लिए स्पैक्ट्रम प्रभारों को छोड़कर लाइसेंस शुल्क श्रेणी न्नक न्न सकिर्लाें के लिए न्नसमायोजित सकल राजस्व न्न (एजीआर) का 8%, श्रेणी न्नख न्न सकिर्लाें के लिए एजीआर का 6% और श्रेणी न्नग न्न के सकिर्लाें लिए एजीआर का 5% है|
लाइसेंस शुल्क के अलावा, सीएमटीएस 4.4 लाइसेंसधारक मैगाहर्ट््ज तक के स्पैक्ट्रम के लिए 2% एजीआर की राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर स्पैक्ट्रम प्रभारों को भुगतान करते हैं. 4.2 मैगाहर्ट््ज से 6.2 टिप्पणियां मैगाहर्ट््ज तक स्पैक्ट्रम के लिए उन्हें एजीआर के 1% की दर पर अतिरिक्त प्रभारों का भुगतान करना अपेक्षित होता है. 6.2 मैगाहर्ट््ज से टिप्पणियां स्पैक्ट्रम, जो तब दिया जा सकता है, यदि 5 उपभोक्ता आधार लाख से टिप्पणियां है, तो उन्हें एजीआर का 1% टिप्पणियां का भुगतान करना अपेक्षित होता है. 6.2 मैगाहर्ट््ज से परे का स्पैक्ट्रम का आबंटन उपलब्धता के अध्यधीन होता है, तथापि, स्पैक्ट्रम आबंटन किसी सेवा सभी प्रति क्षेत्र प्रचालक अधिकतम 10 मैगाहर्ट््ज 10 + मैगाहर्ट््ज तक सीमित रहेगा. इस अतिरिक्त आबंटन पर तभी विचार किया जाएगा, जब लाइसेंसधारक यथा निर्धारित उपयुक्त उपभोक्ता आधार प्राप्त कर लेता है|
11/11/2003 को एकीकृत अभिगम (बुनियादी और सेल्युलर) सेवा लाइसेंसों के लिए दिशानिर्देंशों की घोषणा किए जाने के परिणामस्वरूप कुछ सीएमटीएस प्रचालकों को सीएमटीएस लाइसेंस से एकीकृत अभिगम सेवा लाइसेंस (यूएएसएल) सभी माइग्रेट करने की अनुमति प्रदान की गई है. एकीकृत अभिगम सेवा लाइसेंस (यूएएसएल) के लिए दिशानिर्देश जारी करने के बाद कोई नए सीएमटीएस और बुनियादी सेवा लाइसेंस नहीं दिए जाते|
16 अगस्त,2007 की स्थिति के अनुसार कुल लाइसेंसधारकों की स्थिति इस प्रकार है:
बुनियादी लाइसेंसधारक: 2 सीएमटीएस लाइसेंसधारक: 60 यूएएस लाइसेंसधारक: 96 कुल लाइसेंसधारक: 158 |
मुंबई मैट्रो तथा चेन्नई महाराष्ट्र मैट्रो और तमिलनाडु, कोलकाता मैट्रो तथा पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश पश्चिम व उत्तर प्रदेश पूर्व सकिर्ल के संबंध सभी डायलिंग प्रक्रियाएं सरल कर दी गई हैं. इसके साथ ही तमिलनाडु दूरसंचार सकिर्ल और चेन्नई मैट्रो के आमेलन के संबंध में भी संशोधन जारी किया गया है|