श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया - माननीय कैबिनेट मंत्री

NIC-ADMIN on 31.05.2019
श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया - माननीय कैबिनेट मंत्री

श्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया

संचार मंत्री; और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री

पहली मंजिल, संचार भवन, 20, अशोक रोड,

नई दिल्ली पिन- 110001

ईमेल: moc-office[at]gov[dot]in

 

श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया को हाल ही में भारत सरकार में केंद्रीय संचार मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री (डीओएनईआर) के रूप में नियुक्त किया गया है। वे छह बार संसद सदस्य रहे हैं जिसमें लोकसभा में पांच वर्ष का कार्यकाल (वर्ष 2002-04, 2004-09, 2009-14, 2014-19, 2024-2029) और राज्यसभा में मध्य प्रदेश राज्य से एक कार्यकाल (वर्ष 2020-2024) शामिल है। उन्हें लोकसभा वर्ष 2024 के चुनाव और विधानसभा वर्ष 2023 के चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश राज्य में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए स्टार प्रचारक के रूप में नियुक्त किया गया था। वे भाजपा चुनाव प्रबंधन समिति और मध्य प्रदेश में भाजपा की कोर समिति के सदस्य भी हैं।

वे वर्ष 2014 से 2020 तक कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य थे और वर्ष 2019-2020 तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश पश्चिम के लिए कार्यभार संभाला। वर्ष 2014-2019 तक उन्हें लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्‍हिप के रूप में नियुक्त किया गया था और वर्ष 2013 और वर्ष 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा के दौरान चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। श्री सिंधिया ने वर्ष 2002 में जन सेवा के क्षेत्र में अपना कदम रखा। श्री सिंधिया ने केंद्रीय नागर विमानन और इस्पात मंत्री (वर्ष 2021 से 2024 तक) के रूप में अपने कार्यकाल में विमानन क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार करने के साथ ही देश भर में कनेक्टिविटी और अवसंरचना को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके कार्यकाल में हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और दूरदराज के क्षेत्रों तक लोगों की पहुंच को बढ़ाने के लिए कई पहल की गई जिससे आर्थिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा मिला। श्री सिंधिया ने इस्पात मंत्री के रूप में इस्पात उद्योग को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वैश्विक स्तर पर इस्पात उद्योग की प्रतिस्पर्धिता और भारत के आर्थिक ढांचे में इसके योगदान को भी सुनिश्चित किया। उन्होंने भारत में हरित इस्पात क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए भी प्रयास किए।

उन्होंने वर्ष 2007-2009 तक दूरसंचार, डाक और आईटी राज्य मंत्री, वर्ष 2009-2012 से वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री और फिर वर्ष 2012-2014 तक विद्युत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप के रूप में कार्य किया। दूरसंचार, डाक और आईटी राज्य मंत्री के रूप में श्री सिंधिया के कार्यकाल में परिवर्तनकारी प्रोजेक्ट ऐरो की शुरुआत हुई जिससे नई ब्रांडिंग और आईटी-सक्षम प्रक्रियाओं के माध्यम से भारतीय डाकघरों का आधुनिकीकरण किया गया। वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने उत्पादन के चरण से लेकर अंतिम उपभोक्ता चरण तक -विभिन्न स्तरों पर भारतीय निर्यात में लेन-देन में लगने वाली लागत को सफलतापूर्वक कम किया। इसके अतिरिक्त विद्युत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में उन्होंने एक एकीकृत ट्रांसमिशन ग्रिड नेटवर्क अर्थात 6-सिग्मा विश्वसनीयता प्रणाली के साथ वन नेशन वन ग्रिड, बिजली संयंत्रों के लिए लिंकेज की स्थापना और राज्य सरकारों के सहयोग से अंतिम-छोर तक वितरण संबंधी मुद्दों का समाधान किया। श्री सिंधिया शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल, रक्षा, वित्त, गृह और विदेश मामले संबंधी संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं।

श्री सिंधिया ने अपनी आरंभिक शिक्षा दून स्कूल, देहरादून से पूरी की। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से अर्थशास्त्र में स्नातक और ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, यूएसए से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा श्री सिंधिया ने संयुक्त राष्ट्र में भी काम किया है और मॉर्गन स्टेनली और मेरिल लिंच में एक निवेश बैंकर के रूप में भी काम किया है। राजनीति के अलावा श्री सिंधिया में शिक्षा के प्रति गहरा लगाव है। वे इस समय सिंधिया स्कूल (ग्वालियर), माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज (ग्वालियर) और सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (विदिशा) में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष के रूप में सेवा दे रहे हैं। वे सिंधिया कन्या स्कूल (ग्वालियर) और सरस्वती शिशु मंदिर (ग्वालियर) के बोर्ड के  सदस्य भी हैं।

क्रिकेट में गहरी रुचि होने के कारण उन्होंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्य और वित्त समिति के अध्यक्ष और बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया है। वर्ष 2014-16, दो वर्षों के लिए वे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य थे। उन्होंने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) के पूर्व अध्यक्ष और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है और बीसीसीआई में एमपीसीए का प्रतिनिधित्व भी किया है।