अंतर्राष्ट्रीय लंबी दूरी टेलीफोनी
नई दूरसंचार नीति 99 के अनुसरण में सरकार ने 1 अप्रैल, 2002 से अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी सेवा प्रचालकों की संख्या पर कोई रोक लगाए बिना प्राइवेट प्रचालकों के लिए खोलने का निर्णय लिया है।
आवेदक कंपनी एक भारतीय कंपनी हो और कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन पंजीकृत हो। इसके पास 2.5 करोड़ रुपए की प्रदत्त पूंजी के साथ अपना निवल मूल्य होगा। निवल मूल्य का अभिप्राय भारतीय रुपए में पदत्त इक्विटी पूंजी और मुक्त आरक्षित पूंजी के समग्र योग से होगा। प्रवर्तकों के निवल मूल्य की गणना नहीं की जाएगी। लाइसेंस के प्रचलन अवधि के दौरान निवल मूल्य और प्रदत्त पूंजी को कायम रखना होगा।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अधिकतम सीमा 74 प्रतिशत है, लाइसेंसधारक कंपनी में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों पूंजी निवेश की गणना विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारण के प्रयोजनार्थ की जाएगी। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा 49 प्रतिशत तक आटोमेटिक रूट के आधार पर जारी रहेगी। लाइसेंसधारक कंपनीभारतीय प्रवर्तकोंपूंजी-निवेश कंपनियों, इनमें उनकी नियंत्रणाधीन कंपनियां भी शामिल हैं, में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) का अनुमोदन लेना अपेक्षित होगा, यदि ये 74% की समग्र अधिकतम सीमा धारण करना चाहती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय लंबी दूरी सेवा के लाइसेंस हर दृष्टि से पात्र पाई गई कंपनियों को गैर-विशिष्ट आधार पर जारी किए जाएंगे। प्रारंभ में ये 20 वर्ष की अवधि के लिए होंगे। इन्हें 5 वर्ष की अवधि तक का विस्तार दिया जा सकता है, बशर्ते कि लाइसेंस के निबंधन और शर्तों के अनुसरण में विशेष रूप से बेहतर गुणवत्ता की सेवा के पैरामीटरों के संबंध में निष्पादन संतोषजनक हो।
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