क. हमारे बारे में:
दूरसंचार विभाग की आपदा प्रबंधन (डीएम) यूनिट) आपदाओं से पूर्व और आपदाओं के पश्चात् दूरसंचार सेवाओं को जारी रखने में अहम भूमिका निभाती है। यह यूनिट राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं यथा संचेत प्लेटफार्म आधारित कॉमन एलर्ट प्रोटोकोल (सीएपी) के जरिए अर्ली वॉर्निंग डिसेमिनेशन, ऑटोमेटिड प्रियोरिटी कॉल राउटिंग और पब्लिक प्रोटेक्शन एवं आपदा राहत (पीपीडीआर) नेटवर्क्स की देख-रेख करती है जिससे आपदा के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया मिलेगी और साथ ही देश के आपदा रिजिलिएंस में सुधार होगा। डीएम यूनिट दूरसंचार रिजिलिएंस का अध्ययन करने के लिए आपदा रिजिलिएंस अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) के लिए मार्गदर्शन/सहायता भी प्रदान करती है।
ख. प्रकार्यात्मक संरचना
ग. व्यापक अधिदेश एवं प्रकार्य:
1.आपदा का सामना करने के लिए एसओपी-2020 के प्रावधानों के अनुसार आपदाओं के दौरान और आपदाओं के पश्चात् दूरसंचार सेवाओं की प्राथमिकता के आधार पर पुनर्बहाली के लिए हितधारकों (डीजीटी मुख्यालय/एलएसए/टीएसपी/एनडीएमए/समएचए) के साथ समन्वय।
2. आपदाओं के दौरान कंट्रोल रूम की कार्य-प्रणाली संबंधी समन्वय।
3.राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति से जुड़े मामले।
4. सी-डॉट/एनडीएमए/एसडीएमए/एमएचए आदि के साथ आवश्यक समन्वय सहित विविध माध्यमों नामत: दूरसंचार नेटवर्क, टीवी, रेडियो, इंडियन रेलवे पब्लिक एड्रेस सिस्टम, कोस्टस्ल सायरन के माध्यम से कॉमन एलर्टिंग प्रोटोकॉल (सीएपी) पर आधारित चेतावनी जारी करने से जुड़े मामले। ऑटोमेटिड प्रियोरिटी एटिंग के कार्यान्वयन के लिए सी-डॉट/एनडीएमए/एसडीएमए/दूरसंचार प्रचालकों आदि के साथ समन्वय। सीएपी प्लेटफार्म के जरिए अलर्ट के लिए टैरिफ को अंतिम रूप देने से जुड़े मामले।
5. एमइआईटीवाई, हैंडसेट मैन्युफेक्चर्स, ओएस डवेलपर, सी-डॉट और दूरसंचार प्रचालकों के साथ समन्वय सहित सेल ब्रॉडकास्टिंग के कार्यान्वयन से जुड़े मामले।
6.. गृह मंत्रालय (एनडीएमए के समन्वय से लोक सुरक्षा और आपदा राहत एजेंसियों के लिए अत्याधुनिक अखिल भारतीय एलटीई आधारित नेटवर्क की स्थापना को सुकर बनाना ताकि संवर्द्धित सुरक्षा और उच्च उपलब्धता वाली एजेंसियों को मिशन क्रिटिकल मोड में उच्च गति, वॉयस पर डाटा को समर्थ बनाया जा सके।
7.आपदाओं का सामना करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की समीक्षा/संशोधन।
8. दूरसंचार विभाग की आपदा प्रबंधन योजना को अंतिम रूप देने से जुड़े मामले जिनमें आपदा जोखिम में कमी के लिए प्रधानमंत्री का 10 सूत्री एजेंडा (2016) और सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) जैसे अन्य अंतर्राष्ट्रीय समझौतों की तर्ज पर सेन्डाई आपदा जोखिम कमी फ्रेमवर्क (एसएफडीआरआर) आपदा पर फोकस किया गया है और जलवायु परिवर्तन संबंधी पेरिस समझौते (कोप-21)।
9. आपदा जोखिम एवं दूरसंचार क्षेत्र के लिए रिजिलिएंस आकलन फ्रेमवर्क और कार्यनीति पर अध्ययन करने के प्रयोजन से कोलिशन ऑफ डिजास्टर रिजिलिएंस इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) को मार्गदर्शन/सहायता प्रदान करना तथा अन्य भागीदार देशों/बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ सर्वोत्तम प्रेक्टिस को साझा करना।
D. Important documents
सेल ब्रॉडकास्टिंग के कार्यान्वयन के लिए टीएसपी को अनुदेश
आपदाओं से निपटने के लिए एसओपी-2020
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना-2019
बीबी-पीपीडीआर-2018 पर ट्राई की सिफारिशें
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