लोक शिकायत स्कंध
दूरसंचार विभाग
लोक शिकायतों का निवारण
आप यहां क्लिक करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं
भारतीय दूरसंचार क्षेत्र महत्वपूर्ण नीतिगत सुधारों के माध्यम से परिवर्तन की प्रमुख प्रक्रिया से गुजरा है जिसकी शुरुआत एनटीपी 1994 की घोषणा से हुई और एनटीपी 1999 और 2012 और राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 के तहत आगे बढ़ाया गया। विभिन्न नीतिगत पहलों से प्रेरित भारतीय दूरसंचार क्षेत्र ने पिछले बीस वर्षों में पूर्ण परिवर्तन देखा है। अभी तक दूरसंचार विभाग मुख्य रूप से लाइसेंसप्रदाता, नीति निर्माता और लाइसेंस शर्तों के प्रवर्तन की भूमिका निभा रहा है।
1.0 दूरसंचार सेवा क्षेत्र में शिकायत निवारण तंत्र
(क) सेवा संबंधी, बिलिंग, सेवा की गुणवत्ता संबंधी शिकायतों को दूर करने की प्राथमिक जिम्मेदारी दूरसंचार सेवा प्रदाता की है जो लाइसेंस के नियमों और शर्तों से उत्पन्न होती है। लाइसेंस शर्तों के अनुसार
“सेवा के प्रावधान के संबंध में कोई भी विवाद केवल पीड़ित पक्ष और लाइसेंसधारक के बीच का मामला होगा जो सेवा प्रदान करने से पहले सभी को इसकी विधिवत सूचना देगा। और किसी भी स्थिति में लाइसेंसदाता इस मामले में कोई दायित्व या उत्तरदायित्व का वहन नहीं करेगा। लाइसेंसधारी इस मामले में सभी दावों, लागत, प्रभार या नुकसान के लिए लाइसेंसप्रदाता को क्षतिपूर्ति करेगा.”
(ख) सेवा प्रदाताओं द्वारा शिकायत निवारण तंत्र की प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए ट्राई ने "दूरसंचार शिकायत निवारण विनियम 2012" जारी किया है। दूरसंचार उपभोक्ता शिकायत निवारण विनियम, 2012 का पूरा विवरण ट्राई की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
(ग) इस विनियम के अनुसार सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निम्नलिखित दो स्तरीय शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करना चाहिए। यह वर्ष 2007 में ट्राई द्वारा जारी किए गए पहले के नियमों को प्रतिस्थापित करता है। नए नियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: -
(i) टोल-फ्री "कंज्यूमर केयर नंबर" के साथ शिकायत केंद्र की स्थापना। शिकायत केंद्र उनके द्वारा प्राप्त सभी शिकायतों को दूर करने के लिए जिम्मेदार होगा। कंज्यूमर केयर नंबर की स्थापना का प्रावधान शिकायत केंद्र पर भी किया जाना चाहिए जिसे किसी अन्य सेवा प्रदाता के नेटवर्क से एक्सेस किया जा सकता है।
(ii) शिकायत केंद्र पर प्रत्येक शिकायत को एक विशिष्ट डॉकेट नंबर देकर दर्ज किया जाएगा जो कम से कम तीन महीने तक सिस्टम में रहेगा। पंजीकरण की तारीख और समय के साथ डॉकेट नंबर और शिकायत के समाधान की समय सीमा एसएमएस के माध्यम से उपभोक्ता को भेजी जाएगी। उपभोक्ता को एसएमएस के माध्यम से की गई कार्रवाई के बारे में भी सूचित किया जाएगा।
(iii) अपीलीय प्राधिकरण की स्थापना: प्रत्येक सेवा प्रदाता शिकायतों से निपटने के लिए एक या एक से अधिक व्यक्तियों को मिलाकर अपीलीय प्राधिकरण का गठन करेगा जिससे यदि कोई उपभोक्ता अपनी शिकायत के निवारण से संतुष्ट नहीं है या उसकी शिकायत का समाधान नहीं हुआ है या शिकायत के निवारण की कोई सूचना निर्दिष्ट अवधि के भीतर प्राप्त नहीं होती है तो वह अपनी शिकायतों के निवारण के लिए अपीलीय प्राधिकारी से संपर्क कर सकता है।
(iv) प्रत्येक सेवा प्रदाता प्रत्येक सेवा क्षेत्र में दो सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन करेगा। इसमें एक सदस्य ट्राई के साथ पंजीकृत उपभोक्ता संगठन से और दूसरा सदस्य सेवा प्रदाता से शामिल होगा। उपभोक्ताओं की सभी अपीलों को सलाहकार समिति के समक्ष रखा जाएगा जो अपील-प्राधिकारी को ऐसी सभी अपीलों पर सलाह देगी। अपीलों की प्रक्रिया के प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग समय-सीमाएँ बनाई गई है।
(घ) तदनुसार सभी शिकायतकर्ताओं को अपनी शिकायतों के निवारण के लिए संबंधित सेवा प्रदाता के "दो स्तरीय संस्थागत शिकायत निवारण तंत्र" के माध्यम से अपने सेवा प्रदाताओं से संपर्क करना होगा जो ट्राई के दूरसंचार उपभोक्ता शिकायत निवारण विनियम, 2012 (2012 का 1) के तहत 05 जनवरी 2012 को जारी और उसमें संशोधन किया गया था। उपभोक्ता शिकायतों को निपटाने के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा नामित कंज्यूमर केयर नंबरों और अपील-प्राधिकारी की सूची ट्राई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। ये विनियम सेवा प्रदाता द्वारा दूरसंचार उपभोक्ता के लिए शिकायतों के निवारण की कार्यसाधकता में सुधार करने की दृष्टि से विषय वस्तु पर पहले के 'दूरसंचार उपभोक्ता संरक्षण और शिकायत निवारण विनियम, 2007' को प्रतिस्थापित करता है।
(ङ) यदि शिकायतकर्ता सेवा प्रदाता द्वारा लिए गए निर्णय से संतुष्ट नहीं है या उपरोक्त प्रक्रिया में किसी भी समय/चरण पर शिकायत के निवारण में देरी हुई है तो शिकायतकर्ता उपरोक्त पैरा 1(क) के मद्देनजर सेवा प्रदाता के खिलाफ किसी न्यायालय/किसी अन्य उपयुक्त मंच (न्यायिक/अर्ध-न्यायिक) में जाने के लिए स्वतंत्र है।
1.1 अवांछित कमर्शियल कॉल (यूसीसी) से संबंधित शिकायतें:
(क) यूसीसी विनियम
ट्राई ने कमर्शियल कॉल को विनियमित करने और उपभोक्ता को अवांछित कमर्शियल कॉल और संदेशों (यूसीसी) से बचाने के लिए "द टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस, 2018" को अधिसूचित किया है। विनियमों के प्रावधान 19 जुलाई, 2018 से लागू हो गए हैं।
(ख) यूसीसी को अवरूद्ध करने की संक्षिप्त प्रक्रिया
जो उपभोक्ता (लैंडलाइन और मोबाइल) कमर्शियल कम्युनिकेशन प्राप्त नहीं करना चाहते हैं वे 1909 (टोल फ्री) पर डायल या एसएमएस करके दो श्रेणियों में से किसी एक में पंजीकरण करवा सकते हैं:
फुली ब्लॉक श्रेणी- सभी कमर्शियल कॉल/एसएमएस को बंद करना पार्शियली ब्लॉक श्रेणी- चुनी गई प्राथमिकताओं में से किसी एक के एसएमएस को छोड़कर सभी कमर्शियल कॉल/एसएमएस को बंद करना।
पंजीकरण विकल्प के लिए एसएमएस का उपयोग करके ‘फुली ब्लॉक श्रेणी' के लिए "START 0" लिखें और इसे 1909 पर भेज दें। 'पार्शियली ब्लॉक श्रेणी' के लिए सात श्रेणियों की सूची में से एक या एकाधिक विकल्पों के साथ 'START' एसएमएस भेजें। इसका अर्थ है कि सात प्राथमिकताओं में से एक या अधिक का चयन करके उपभोक्ता चयनित विकल्प (विकल्पों) से कमर्शियल कम्युनिकेशन प्राप्त करने में सक्षम होगा।
चयन के लिए सात प्राथमिकताएं हैं: बैंकिंग/बीमा/वित्तीय उत्पाद/क्रेडिट कार्ड-1, रियल एस्टेट-2, शिक्षा-3, स्वास्थ्य-4, उपभोक्ता सामान और ऑटोमोबाइल-5, संचार/प्रसारण/मनोरंलोक /आईटी-6, पर्यटन-7.
सफलतापूर्वक पंजीकरण हो जाने पर उपभोक्ता को 24 घंटे के भीतर प्रयोग किए गए विकल्पों की पुष्टि करने वाला एसएमएस और एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या प्राप्त होगी। सेवा प्रदाता के पास अनुरोध करने के 7 दिनों तक पंजीकरण प्रभावी रहेगा। उपभोक्ता "उपभोक्ता पंजीकरण स्थिति" पर क्लिक करके अपने पंजीकरण की स्थिति की जान सकते हैं।
उपभोक्ता पंजीकरण के तीन महीने बाद या वरीयता के अंतिम परिवर्तन के बाद भी वरीयताएँ बदल सकता है।
(i) यदि उपभोक्ता पंजीकरण के 7 दिनों के बाद भी यूसीसी प्राप्त करता है तो वह ऐसे यूसीसी की प्राप्ति के 3 दिनों के भीतर 1909 पर डायल करके या एसएमएस भेजकर अपने सेवा प्रदाता के पास शिकायत दर्ज करवा सकता है। ग्राहकों को टेलीफोन नंबर या संदेश का हेडर बताना होगा जहां से कॉल या संदेश प्राप्त हुआ है कॉल या संदेश प्राप्त होने की तिथि के साथ ऐसे कॉल या संदेश का संक्षिप्त विवरण प्रदान करना होगा।
(ii) एसएमएस के माध्यम से शिकायत के लिए उपभोक्ता को 1909 पर "द अनसॉलिसीटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन, XXXXXXXXXX, dd/mm/yy" एसएमएस भेजना होगा। जहां XXXXXXXXXX टेलीफोन नंबर या एसएमएस का हेडर है जिससे यूसीसी प्राप्त हुआ है। अल्पविराम के बाद स्पेस के साथ अथवा बिना स्पेस के 1909 पर अग्रेषित करते समय टेलीफोन नंबर या हेडर और अनसॉलिसीटेड कमर्शियल एसएमएस की प्राप्ति की तारीख को ऐसे एसएमएस के साथ जोड़ा जा सकता है।
(iii) सेवा प्रदाता शिकायत पर कार्रवाई करेगा और शिकायत दर्ज कराने के 7 दिनों के भीतर शिकायतकर्ता को सूचित करेगा। उपभोक्ता "यूसीसी शिकायत पंजीकरण स्थिति" लिंक के माध्यम से अपनी शिकायत पंजीकरण की स्थिति को जान सकता है।
(iv) सेवा प्रदाताओं की ओर से अनसुलझी शिकायत/परेशानी के मामले में शिकायतकर्ता अपनी शिकायत के समाधान के लिए ट्राई से संपर्क कर सकता है। उपर्युक्त ट्राई विनियम के अनुसार ट्राई उल्लंघनों के लिए संबंधित सेवा प्रदाताओं के खिलाफ उक्त विनियमों की धारा 21 और 22 के तहत कार्रवाई करने के लिए सक्षम है।
2. दूरसंचार विभाग में लोक शिकायत प्रकोष्ठ
तथापि यदि ऊपर निर्धारित प्रक्रिया का पालन करने के बाद भी किसी शिकायत का निवारण नहीं किया जाता है तो शिकायतकर्ता न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अपने अधिकार के प्रति पूर्वाग्रह के बिना दूरसंचार विभाग के लोक शिकायत प्रकोष्ठ, 607, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 से संबंधित सेवा प्रदाता स्तर पर उसकी शिकायत का निवारण न करने के लिए सभी दस्तावेजी साक्ष्यों के साथ से संपर्क कर सकता है। वह निम्नलिखित में से किसी भी तरीके से शिकायत दर्ज कर सकता है:
लोक शिकायतें | ||
---|---|---|
क्र. सं | मोड | ब्योरा |
(i) | दस्ती | संपर्क: सूचना और सुविधा काउंटर, संचार भवन, 20, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001. |
(ii) | डाक द्वारा | पता: लोक शिकायत स्कंध, दूरसंचार विभाग, कमरा संख्या 612, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे.एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
(iii) | फैक्स द्वारा | फैक्स नंबर 011- 23232244 |
(iv) | फोन द्वारा | दूरभाष 011-23221166,1063 (टोल फ्री) |
(v) | वेब पोर्टल द्वारा |
(क) शिकायतकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए वेब पोर्टल का उपयोग करें ताकि उसकी प्रक्रिया उपयोगकर्ता के अनुकूल और संरचित तरीके की पारदर्शी तरीके से निगरानी की जा सके।
(ख) निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना वेब पोर्टल में दर्ज शिकायतें (जैसा कि ऊपर वर्णित है) प्रोसेस नहीं कि जाएगी
(ग) ई-मेल द्वारा भेजी गई किसी भी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जाएगा/विचार नहीं किया जाएगा
(घ) (i) इस प्रकार दर्ज की गई शिकायत को संबंधित सेवा प्रदाता/अधीनस्थ संगठन(संगठनों) और/या डीओटी में संबंधित
इकाई को मामले में उचित कार्रवाई करने और शिकायतकर्ता को शिकायत के निवारण की दिशा में की गई
कार्रवाई के बारे में सूचित करने की सलाह के साथ अग्रेषित किया जाता है।
(ii) दूरसंचार विभाग के पीजी प्रकोष्ठ में प्राप्त यूसीसी पर शिकायत/शिकायतों को उचित कार्रवाई के लिए ट्राई को
भेजा जाता है क्योंकि दूरसंचार कमर्शियल संचार उपभोक्ता वरीयता विनियम, 2018 के अनुसार ट्राई ऐसी
शिकायतों में कार्रवाई करने के लिए सक्षम प्राधिकारी है।
(ङ) शिकायत का निवारण संबंधित सेवा प्रदाता/संबंधित अग्रेषित संगठनों द्वारा ही किया जाता है। डीओटी का पीजी प्रकोष्ठ केवल निवारण प्रक्रिया में सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करता है और शिकायतकर्ता की संतुष्टि के लिए शिकायत का निवारण नहीं करने या शिकायत के निवारण में देरी के लिए सेवा प्रदाता को दंडित करने के लिए कोई शक्ति नहीं है।
(च) यदि शिकायतकर्ता सेवा प्रदाता द्वारा लिए गए निर्णय से संतुष्ट नहीं है या उपरोक्त प्रक्रिया में किसी भी समय/चरण पर शिकायत के निवारण में देरी हुई है तो शिकायतकर्ता सेवा प्रदाता के खिलाफ उपरोक्त पैरा 1(क) को ध्यान में रखते हुए किसी न्यायालय/किसी अन्य उपयुक्त मंच से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र है।
पीजी अनुभाग में अधिकारियों का विवरण
पीजी अधिकारी का पदनाम | दूरभाष | फैक्स नंबर | डाक का पता |
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वरिष्ठ उप महानिदेशक (पीजी) | 011-23221231 | 011-23222605 | कमरा सं. 612, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
निदेशक (पीजी-I) | 011-23220537 | 011- 23222350 | कमरा सं. 605, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
निदेशक (पीजी-II) | 011-23222723 | 011-23222350 | कमरा सं. 606, केबिन सं. 11, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे.एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
निदेशक (एमओसी-पीजी) | 011-23222711 | 011-23232244 | कमरा सं. 602, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
सहायक महानिदेशक (पीजी-I) | 011-23222582 | 011-23222224 | कमरा सं. 606, केबिन सं. 15, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
सहायक महानिदेशक (एमओसी-पीजी) | 011-23210678 | 011-23232244 | कमरा सं. 606, केबिन सं. 16, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
अनुभाग अधिकारी (एमओसी-पीजी) | 011-23232657 | 011-23232244 | कमरा सं. 604, केबिन सं. 2, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
प्रभारी (एमओसी-पीजी प्रकोष्ठ) | 011-23221166 | 011-23232244 | कमरा सं. 603, केबिन सं. 2, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002 |
अवर सचिव (कानूनी और पीजी-II) | 011-23212088 | 011-23212724 | केबिन सं.23, छठी मंजिल, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002. |
अनुभाग अधिकारी (कानूनी) | 011-23212088 | 011-23212724 | केबिन नंबर 23, छठी मंजिल, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे. एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली 110002. |
[निदेशक हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और उप महानिदेशक (पीजी) प्रत्येक बुधवार को दोपहर 02:30 बजे से शाम 04:30 बजे तक आगंतुकों के लिए उपलब्ध रहते हैं]
पीएसयू में पीजी सिस्टम
देश में सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों नामतः एमटीएनएल/बीएसएनएल और निजी सेवा प्रदाता द्वारा दूरसंचार सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इन कंपनियों का अपना उपभोक्ता शिकायत निवारण तंत्र है जो मुख्य रूप से उनके उपभोक्ताओं की सभी प्रकार की शिकायतों के निवारण के लिए जिम्मेदार है। दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने वाले पीएसयू के संबंध में मुख्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी हैं:
बीएसएनएल: जीएम (सीडीएन), कमरा संख्या 27, आईआर हॉल, ईस्टर्न कोर्ट, बीएसएनएल कॉरपोरेट ऑफिस, लोक पथ नई दिल्ली-110001. संपर्क नंबर 011-23717055, फैक्स नंबर 011-23312021, ई-मेल आईडी: ddgpg[at]bsnl[dot]co[dot]in
एमटीएनएल: जी.एम. (संचालन), कमरा नंबर 6401, छठी मंजिल, एमटीएनएल कॉर्पोरेट कार्यालय, दूर संचार सदन, सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली-110003. संपर्क नंबर 011-24323618, फैक्स नंबर 011-24329422, ई-मेल आईडी:mtnlpg[at]bol[dot]net[dot]in
4) अन्य संबंधित मामले
<a href="http://www.trai.gov.in/">भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई)</a> एक स्वतंत्र कानूनी संस्था है जिसकी स्थापना दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करने और विभिन्न कार्यों के निर्वहन के लिए की गई थी। ट्राई के दायरे में आने वाले दो महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं: (क) लाइसेंस के नियमों और शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करना इसमें उपभोक्ता सेवाएं, टैरिफ शामिल हैं
(ख) सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता के मानकों को निर्धारित और सुनिश्चित करना और सेवा प्रदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाओं का आवधिक सर्वेक्षण करना ताकि दूरसंचार सेवाओं के प्रति उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके;
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए ट्राई द्वारा किए गए उपायों का संकलन ट्राई की वेबसाइट पर उपलब्ध है। ट्राई ने निम्नलिखित सहित दूरसंचार उपभोक्ताओं के हितों से संबंधित प्रमुख मुद्दों के समाधान के लिए कई निर्देश/विनियम/दिशा-निर्देश अधिसूचित किए हैं:
- 21 मार्च 2006 को सेवा की गुणवत्ता (मीटरिंग और बिलिंग सटीकता पर कोड ऑफ प्रैक्टिस) विनियम, 2006; मीटरिंग और बिलिंग से संबंधित उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए।
- 1 जुलाई 2005 को बुनियादी और सेलुलर मोबाइल टेलीफोन सेवाओं की सेवा की गुणवत्ता (बिलिंग शिकायतों के समाधान की समय अवधि, उपभोक्ताओं को देय राशि/सुरक्षा जमा की वापसी, कॉल का सुधार, दोषों के विलंबित सुधार के लिए किराए में छूट आदि) का विनियम किया गया और उसके बाद 20 मार्च 2009 को इसकी समीक्षा की गई।
- 16 सितंबर, 2005 का निर्देश इस तरह के पेशकश/बाजार/विज्ञापन नहीं करने के संबंध में जिसमे उपभोक्ताओं को गुमराह करने की संभावना हो।
- बकाये की वसूली से संबंधित उपभोक्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए 16 नवंबर 2007 को उनके द्वारा नियुक्त आउटसोर्स एजेंसियों द्वारा देय राशि के संग्रह के संबंध में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए दिशानिर्देश।
उपरोक्त निर्देशों/विनियमों के अनुपालन की निगरानी ट्राई द्वारा की जाती है। जब कभी ट्राई के आदेशों/निर्देशों/विनियमों में कमियां/उल्लंघन देखा जाता है तो ट्राई उपचारात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित सेवा प्रदाता के साथ इस मामले को उठाता है। तथापि ट्राई द्वारा भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम 1997 व्यक्तिगत शिकायतों के निवारण की परिकल्पना नहीं करता है।
नोट: ट्राई विनियमन, अन्य अधिनियम और विनियमन जिसके आधार पर यह लेख प्रस्तुत किया गया है यहाँ केवल संक्षेप में दिया गया है। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे पूर्ण विवरण के लिए इन विनियमों को देखें।
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भारत सरकार के दूरसंचार विभाग, नई दिल्ली में शिकायत निवारण तंत्र पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न।
क्र. सं. | प्रश्न | उत्तर |
1. | दूरसंचार विभाग की लोक शिकायत इकाई का डाक पता क्या है? | लोक शिकायत स्कंध, दूरसंचार विभाग, कमरा संख्या 612, महानगर दूरसंचार भवन, ओल्ड मिंटो रोड, जे.एल. नेहरू मार्ग, नई दिल्ली। पिन- 110002 वेबसाइट: http://www.dot.gov.in/public-grievances लिंक पर। दूरभाष 011-23221166,1063 फैक्स नंबर 011-23232244 |
2. | डाक द्वारा शिकायतें भेजने हेतु क्या अपेक्षित है? | शिकायतकर्ता अपनी शिकायत को भारत सरकार के पीजी पोर्टल http://www.pgportal.gov.in पर दर्ज करा सकता है। ऐसे मामलों में जहां इंटरनेट सुविधा उपलब्ध नहीं है वहाँ शिकायतकर्ता डाक द्वारा अपनी शिकायत भेजने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके लिए कोई प्रपत्र निर्धारित नहीं है। शिकायत किसी भी सादे कागज पर या पोस्टकार्ड/अंतर्देशीय पत्र पर लिखी जा सकती है और विभाग को भेजी की जा सकती है। |
3. | निवारण के बाद क्या शिकायत को बिना विवरण आदि के बंद होने के बाद आगे पत्राचार के लिए फिर से खोला जा सकता है? | नहीं। ऐसी स्थितियों में नागरिक को बंद की गई शिकायत का संदर्भ देते हुए नई शिकायत दर्ज करनी होगी और विवरण मांगना होगा। कभी-कभी विवरण डाक द्वारा भेजे जाते हैं और अंतिम रिपोर्ट में उनका उल्लेख किया जाता है। नई शिकायत दर्ज करने से पहले डाक वितरण की प्रतीक्षा करें। |
4. | दूरसंचार विभाग के नोडल कार्यालय में शिकायत निवारण के लिए सामान्य ढांचा क्या है? | दूरसंचार विभाग ने विभाग को आवंटित कार्य क्षेत्रों पर शिकायतों के निवारण के समन्वय के लिए उप महानिदेशक (पीजी) को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया है। |
5. | विभाग में लोक शिकायत के लिए नोडल अधिकारियों का संपर्क विवरण क्या है? | यह सूची पूरे वर्ष विभाग की वेबसाइट http://www.dot.gov.in/public-grievances पर ऑनलाइन उपलब्ध है। |
6. | पीजी पोर्टल कब शुरू किया गया था? | केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) दिनांक 1/6/2007 को शुरू किया है और 24x7 आधार पर काम कर रही है। |
7. | लोक शिकायत (पीजी) पोर्टल का उद्देश्य और ध्येय क्या है? | लोक शिकायत (पीजी) पोर्टल एक ऑनलाइन प्रणाली है जो नागरिकों को कहीं से, कभी भी 24x7 शिकायत दर्ज कराने की सुविधा प्रदान करती है। यह प्रणाली मंत्रालयों/विभागों को शीघ्र निपटान के लिए प्राप्त शिकायतों की बारीकी से निगरानी करने और की गई कार्रवाई रिपोर्ट को अपलोड करने में सक्षम बनाती है। नागरिक की गई कार्रवाई की स्थिति देख सकते हैं। शिकायतकर्ता द्वारा की गई कार्रवाई पर दी जाने वाली संतुष्टि रेटिंग के लिए प्रतिक्रिया तंत्र भी है जिससे और सुधार किए जा सकते हैं। |
8. | सेवा में कमी के मामले में शिकायत कहां दर्ज कराई जा सकती है। | यदि उपभोक्ता और दूरसंचार सेवा प्रदाता के बीच अभी भी कोई विवाद है तो निर्धारित शिकायत/शिकायत निवारण तंत्र के माध्यम से उपलब्ध उपायों का लाभ उठाने/समाप्ति के बाद दूरसंचार उपभोक्ता किसी भी न्यायालय में जा सकता है। |
9. | क्या शिकायत सीधे पीजी पोर्टल पर दर्ज की जा सकती है? | शिकायत दर्ज करने से पहले शिकायतकर्ताओं को ट्राई द्वारा दिनांक 05 जनवरी 2012 को जारी दूरसंचार उपभोक्ता शिकायत निवारण विनियम, 2012 (2012 का 1) और उसमें संशोधन के तहत संबंधित टेलीफोन सेवा प्रदाता (और अपीलीय प्राधिकरण) द्वारा स्थापित "दो स्तरीय संस्थागत शिकायत निवारण तंत्र" के माध्यम से अपनी शिकायतों के निवारण के लिए अपने टेलीफोन सेवा प्रदाताओं से संपर्क करना होगा। उपभोक्ताओं की शिकायतों को निपटाने के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा नामित कंज्यूमर केयर नंबरों और अपीलीय प्राधिकरण की सूची ट्राई की वेबसाइट के लिंक main trai.gov.in/consumer.info पर उपलब्ध है। |
10. | विभाग द्वारा किस प्रकार की लोक शिकायतें सुनी जाती हैं? | विभाग द्वारा जनता के साथ-साथ अधिकारियों और कार्मिकों से शिकायतें प्राप्त होती हैं। ये शिकायतें सेवा और कार्मिक मामलों सहित सरकार/संगठनों द्वारा सेवाओं के वितरण में कमी से संबंधित हो सकती हैं। |
11. | शिकायतों पर व्यक्तिगत सुनवाई प्रदान करने की क्या व्यवस्था है? | निदेशकों के लिए समय अवधि हर दिन सुबह 10:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक और उप महानिदेशक (पीजी) के लिए सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को दोपहर 02:30 बजे से शाम 04:30 बजे तक व्यक्तिगत रूप से शिकायतों को प्राप्त करने और सुनने के लिए निर्धारित किया गया है। |
12. | विभाग द्वारा निवारण के लिए किस प्रकार की शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है? | (क) उप-न्यायिक मामले या किसी भी अदालत द्वारा दिए गए फैसले से संबंधित कोई भी मामला। (ख) व्यक्तिगत और पारिवारिक विवाद। (ग) आरटीआई का मामला |
13. | केंद्रीय मंत्रालयों/ विभागों/ संगठनों से संबंधित शिकायतों के संदर्भ में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) की क्या भूमिका है? | प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों/संगठनों के कार्य से उत्पन्न लोक शिकायतों के लिए मुख्य नीति निर्माण, निगरानी और समन्वय विभाग है। विभाग में प्राप्त शिकायतों को संबंधित मंत्रालयों/विभागों को भेजा जाता है। शिकायतों का निवारण संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा विकेंद्रीकृत तरीके से किया जाता है। शिकायतों/फ़रियाद के त्वरित निपटान के लिए विभाग समय-समय पर मंत्रालयों/विभागों के सीपीजीआरएएमएस के तहत लोक शिकायतों के निवारण की स्थिति की समीक्षा करता है। |
14. | दूरसंचार विभाग की लोक शिकायत इकाई द्वारा व्यथित नागरिक को सूचित करने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जाती है? | किसी शिकायत के सफलतापूर्वक दर्ज होने पर ऑनलाइन सिस्टम से पावती ऑटो जनरेट हो जाती है। डाक द्वारा प्राप्त शिकायत की प्राप्ति की पावती तीन दिनों के भीतर दी जाती है। दस्ती प्राप्त शिकायत की पावती प्राप्ति के साथ ही दी जाती है। लोक शिकायत इकाई में प्राप्त शिकायतों की सावधानीपूर्वक जांच के बाद लोक शिकायतों को उचित कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग/संगठनों के संबंधित अनुभाग को अग्रेषित किया जाता है। शिकायतकर्ता को उस अधिकारी और संगठन के नाम और पते के बारे में भी सूचित किया जाता है जिसके पास कार्रवाई के लिए शिकायत भेजी गई है। |
15. | शिकायत के निवारण की समय सीमा क्या है? | दिशानिर्देशों के अनुसार 60 दिन। देरी के मामले में देरी के कारणों के साथ अंतरिम उत्तर देना आवश्यक है। तथापि यह समय सीमा अनिवार्य नहीं है क्योंकि शिकायत निवारण तंत्र की प्रकृति स्वैच्छिक है। |
16. | निर्धारित समय के भीतर अपनी शिकायत का निवारण न होने की स्थिति में नागरिक द्वारा क्या कार्रवाई की जा सकती है? | वह मामले को दूरसंचार विभाग की लोक शिकायत इकाई के समक्ष उठा सकता है जिसका विवरण पीजी पोर्टल/डीओटी की वेबसाइट http://www.dot.gov.in/public-grievances पर उपलब्ध है। |
17. | 60 दिनों के निर्धारित समय के भीतर किसी शिकायत का निवारण न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है? | लोक शिकायतों के निवारण से संबंधित दिशा-निर्देशों में कोई दंडात्मक प्रावधान निर्धारित नहीं किया गया है। तथापि यह संबंधित मंत्रालय/विभाग/अनुभाग की जिम्मेदारी है कि कर्तव्य के निर्वाह में किसी भी लापरवाही के मामले में वह दोषी अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे। |