मिशन कर्मयोगी

  • पृष्ठभूमि:-

     

    भारत सरकार ने सितंबर 2020 में सिविल सेवा क्षमता निर्माण (एनपीसीएससीपी) के लिए मिशन कर्मयोगी नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम का उद्देश्य न्यू इंडिया के विजन के अनुरूप सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है। इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक सृजनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, नवाचारी, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है। यह मिशन कुशल सार्वजनिक सेवा प्रदायगी के लिए व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रियागत स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र के व्यापक सुधार की परिकल्पना करता है। इसे सिविल सेवाओं के लिए क्षमता तंत्र के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा जो पूरी तरह से स्वदेशी होगा। भारत सरकार ने सितंबर 2020 में सिविल सेवा क्षमता निर्माण (एनपीसीएससीपी) के लिए मिशन कर्मयोगी नामक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम का उद्देश्य न्यू इंडिया के विजन के अनुरूप सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा का निर्माण करना है। इसका उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को और अधिक सृजनात्मक, रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, नवाचारी, प्रगतिशील, पेशेवर, ऊर्जावान, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाकर भविष्य के लिए तैयार करना है। यह मिशन कुशल सार्वजनिक सेवा प्रदायगी के लिए व्यक्तिगत, संस्थागत और प्रक्रियागत स्तरों पर क्षमता निर्माण तंत्र के व्यापक सुधार की परिकल्पना करता है। इसे सिविल सेवाओं के लिए क्षमता तंत्र के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा जो पूरी तरह से स्वदेशी होगा।

    Mission Karmyogi structure

    अभिशासन संरचना:

     

    i. मानव संसाधन परिषद: एनपीसीएससीबी प्रधानमंत्री की मानव संसाधन परिषद द्वारा अभिशासित होगी जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। परिषद सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का अनुमोदन करेगी और इसकी समीक्षा करेगी।

    ii. मंत्रिमंडल सचिव समन्वय इकाई: इसमें चुनिंदा सचिव और कैडर नियंत्रक प्राधिकारी शामिल होंगे।

    iii. क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी): इसमें संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ और वैश्विक पेशेवर शामिल होंगे। यह आयोग वार्षिक क्षमता निर्माण योजना तैयार करेगा और सरकार में उपलब्ध मानव संसाधन का लेखा-जोखा करेगा।

    iv. विशेष प्रयोजन साधन (एसपीवी): पूर्ण स्वामित्व वाली एसपीवी आईगॉट- कर्मयोगी प्लेटफॉर्म को अभिशासित करेगी। एसपीवी कंटेंट सत्यापन, स्वतंत्र प्रॉक्टर्ड असेसमेंट और टेलीमेट्री डेटा उपलब्धता से संबंधित आईगॉट प्लेटफॉर्म के विषयवस्तु, मार्केटप्लेस और प्रमुख व्यावसायिक सेवाओं का सृजन और संचालन करेगा।

    v. निगरानी और मूल्यांकन तंत्र: आईगॉट प्लेटफॉर्म के सभी उपयोगकर्ताओं के निष्पादन का मूल्यांकन करने के लिए उपयुक्त निगरानी और मूल्यांकन तंत्र भी स्थापित किया जाएगा ताकि प्रमुख निष्पादन संकेतकों के डैशबोर्ड व्यू सृजित हो सकें।

    vi. टेक-एडेड: वैश्विक सर्वोत्तम परिपाटियों से ली गई विषय-वस्तु के साथ आईगॉट कर्मयोगी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्षमता निर्माण किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म एनपीसीएससीबी के लिए लॉन्च-पैड के रूप में कार्य करेगा।

    vii. नियमों से भूमिकाओं में अंतरण: यह कार्यक्रम "नियम-आधारित से भूमिका-आधारित" मानव संसाधन प्रबंधन (एचआरएम) के अंतरण का समर्थन करेगा ताकि पोस्ट का काम हो सके। डोमेन ज्ञान प्रशिक्षण के अलावा यह योजना "कार्यात्मक और व्यवहारिक क्षमताओं" पर भी ध्यान केंद्रित करेगी और इसमें निष्पादन का मूल्यांकन करने के लिए निगरानी तंत्र भी शामिल है।

     

    Mission Karmyogi monitoring plan

     

    Mission Karmyogi monitoring plan

     

    फ्रैकिंग प्रक्रिया:-

    मिशन कर्मयोगी का कार्यान्वयन सबसे पहले पदों, भूमिकाओं और कार्यकलापों का शब्दकोश बनाने और क्षमताओं के साथ उनके जुड़ाव का दस्तावेजीकरण करने के साथ शुरू होता है जो मंत्रालयों/विभागों को संबंधों की सटीक तस्वीर बनाने और उनके लिए पदों, भूमिकाओं, कार्यकलापों और क्षमताओं के प्रासंगिक व्यवहार, डोमेन और कार्यात्मक (बीडीएफ) की पूरी सूची बनाने में सक्षम बनाता है। सरकार में प्रत्येक पद के लिए भूमिकाओं, कार्यकलापों और क्षमताओं के भंडार से किसी अधिकारी की अपनी पसंद के करियर पाथ को आगे बढ़ाने और मौजूदा करियर में बेहतर प्रदर्शन करने की समझ में सुधार होने की आशा है।

    आईगॉट कर्मयोगी-पाठ्यक्रमों के लिए ऑनबोर्डिंग और नामांकन:-

    आईगॉट कर्मयोगी एक ऑनलाइन प्लैटफ़ार्म है जिसे सभी सरकारी कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए डिजिटल इंडिया स्टैक के अभिन्न भाग के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह लगभग 2.0 करोड़ उपयोगकर्ताओं को प्रशिक्षित करने के लिए 'कभी भी-कहीं भी-किसी भी उपकरण' वाली शिक्षा प्रदान करेगा जो अब तक पारंपरिक उपायों के माध्यम से प्राप्त करना असंभव था। इस प्लैटफ़ार्म को एफआरएसी पर आधारित विषय-वस्तु के लिए एक जीवंत और विश्व स्तरीय मार्केटप्लेस के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गई है।

    इस समय आईगॉट कर्मयोगी प्लैटफ़ार्म पर लोक प्रशासन, -अभिशासन, सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया, जेम, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, डिजिटल अभिशासन, विधि, प्रबंधन और उभरती प्रौद्योगिकियों आदि जैसे विभिन्न व्यापक विषयों के तहत 300 से अधिक पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

    आईगॉट कर्मयोगी पोर्टल का यूआरएल: https://igotkarmayogi.gov.in/

    वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी):-

    मिशन कर्मयोगी या सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य कुशल सार्वजनिक सेवा प्रदायगी के लिए व्यक्तिगत और संगठनात्मक दोनों स्तरों पर मौजूदा क्षमता निर्माण तंत्र में व्यापक सुधार लाना है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) का गठन अप्रैल 2021 में किया गया था। सीबीसी का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवा परिदृश्य में क्षमता निर्माण प्रयासों के मानकीकरण और सामंजस्य को संचालित करना है। सीबीसी के प्रमुख अधिदेशों में से एक अधिदेश सबसे पहले एमडीओ की क्षमता की जरूरतों की पहचान करके और फिर पहचानी गई जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त उपायों की सिफारिश करके सभी एमडीओ के लिए वार्षिक क्षमता निर्माण योजनाओं के सृजन का समर्थन करना है।

     

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